साहबे मुआर्फ़त के तकरीर का असर गौस पाक
एक दफा हजरत सय्यद अब्दुल कादिर जीलानी के साहब जादे हजरत अबु अब्दुल्लाह अब्दुल वहाब स्याहते ममालिक और हुसुले इल्म वा फुनून के बाद हाजिरे खिदमत हुऐ तो मिम्बर सरकार पर तकरीर कहने की इजाजत तलब की आपने फरमाया इजाजत है साहबजादे साहब का बयान है कि मैंने फसाहत वा ब्लागत के दरिया बहा दिये और कोई तरजे निशाह का बाकी ना रखा खुद सरकार बातिन मदार भी बजम मे जलवा फरमा थे मगर मैं देखता था कि हाजिरीन पर मेरी तकरीर का जरा असर ना हुआ बल्कि अहले मजलिस के गुल और शोर और बे तवज्जा ही से मालूम होता था कि वोह मेरे बयान पर कुछ भी मुत्वज्जा नहीं हैँ महफिल का ये रंग देख कर मैं मिम्बर से उतर आया तो सरकारे अकदस मिम्बर पर तशरीफ ले गये और आपने ये जुमले फरमाये कल मैं रोजा से था उम्मे यहया ने कुछ अंडे भून कर एक कोरे सकुरे मे ताक पर रख दिये थे एक बिल्ली ने उस सकुरे को ताक से नीचे फैक दिया सकुरा टूट गया और अंडे खाक मे मिल गये,
हुजूर इतनी ही तकरीर करने पाए थे कि मजलिस मे हर तरफ से हूँ हक के नारे बुलंद होने लगे और आन की आन मे महफ़िल पर कैफियत तारी हो गया खुलूत मे हुजूर ne इरशाद फरमाया मिया तुमको मालूम भी है कि तुम्हारे आलमाना वा आकलाना तकरीर का असर कियों ना हुआ और मेरे मामूली अल्फाज ने हंगामा किस वजा से पैदा कर दिया सुनो तुमको अपने सफर जाहिर पे नाज है मगर तुमने आलमे बातिन का सफर नहीं किया मैं जब कलाम करता हूँ खुदा ताला की ये तज़ल्लियाँ असर लेकर नमुदार हो जाती हैँ कियोकि मेरी नजर हकीकत पर रहती है मैं खुदी गुम करके कलाम करता हूँ और तुम खुदी मे कायम होकर बात करते हो बेशक़ हुजूर ने सच फरमाया जाहिर मे अंडे खाकी सकुरे और बिल्ली का बयान था जर्फ गली और अंडे की शिकस्त वा खराबी का जिक्र था मगर हकीकत मे वजूद और नफ़्स वा शैतान के इशारात थे समझने वाले समझ गये और असर डालने वाले ने अपना काम दिखा दिया
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Thanks for reading: साहबे मुआर्फ़त के तकरीर का असर गौस पाक , Sorry, my Hindi is bad:)