जब घर से निकले तो यह दुआ पढ़े
بِسْمِ اللّٰهِ خَرَجْتُ وَتَوَ كَّلْتُ عَلَى اللّٰهِ لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا باِللَّهِ (ترمزى)
बिस्मिल्लाहि खरजतु व तवक्कल्तु अलल्लाहि ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहि० - तिर्मिजी
तर्जुमा- मैं अल्लाह का नाम लेकर निकला, मैंने अल्लाह पर भरोसा किया, गुनाहों से बचाना और नेकियों की ताकत देना अल्लाह ही की तरफ से है।
हदीस शरीफ में है कि जो शख़्स घर से निकलकर इसको पढ़े तो उसको (छुपे तौर पर) आवाज दी जाती है कि तेरी ज़रूरतें पूरी होंगी और तू नुक्सान से बचा रहेगा और इन लफ़्ज़ों को सुनकर शैतान वहां से हट जाता है, यानी उसको बहकाने और तक्लीफ देने से रूक जाता
- तिर्मिजी
और आसमान की तरफ मुंह उठा कर पढ़े
اَللّٰهُمَّ اِنِّی اَعُوذُ بِكَ اَنْ اَضِلَّ اَوْ اُضَلَّ اَوْ اَظْلِمَ اَوْ اُظْلَمَ اَوْ اَجْهَلَ اَوْ يُجْهَلَ عَلَىَّ ( مشكوة )
अल्लाहुम्मा इन्नी अउज़ु बिका अन अजिल्ला औउजल्ला औ अजलिमा औ उज़्लमा औ अज्हल औ युज्हला अलय्या ०
- मिश्कात
तर्जुमा-ऐ अल्लाह ! मैं इस बात से तेरी पनाह चाहता हूं कि गुमराह हो जाऊं या गुमराह कर दिया जाऊं या जुल्म करूं या मुझ पर जुल्म किया जाए या जिहालत करूं, या मुझ पर जिहालत की जाए।
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Thanks for reading: जब घर से निकले तो यह दुआ पढ़े, Sorry, my Hindi is bad:)