हजरत मीरा हुसैन जंजानी का जनाजा
हज़रत मीरा हुसैन ज़ंजानी का अंतिम संस्कार वर्णन किया गया है कि जब हज़रत अली हजवेरी लाहौर आए, तो शाम हो चुकी थी। इसलिए रात शहर से बाहर बिताएं
दूसरे दिन जब आप लाहौर शहर के पूर्वी हिस्से से गुज़रे तो आपने एक जनाज़ा देखा। लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि यह जनाज़ा क़ुतुब लाहौर हज़रत हुसैन ज़ंजानी जिन्हें मीरां हुसैन आर बानी के नाम से जाना जाता है, का है तो उस वक़्त आपको अपने आका का हुक्म याद आ गया कि जब उन्होंने आपको लाहौर जाने का हुक्म दिया तो आपने जवाब दिया .जब भाई हुसैन ज़ंजानी वहां मौजूद हैं तो मुझे जाने की क्या ज़रूरत है? मगर जब आपने हजरत हुसैन जंजानी के जनाजा मे शिरकत की तो मुर्शिद के हुक्म की हिकमत अब समझ गए
राय राजो जोगी का कबुले इस्लाम
हजरत अली हेजवेरी के हालात मे मजकूर है कि राय राजो ने जिस तरह इस्लाम कबूल किया उसका वाक़्या इस तरह है कि एक रोज एक बूढी औरत उस तरफ से गुजरी जिसके सरपर दूध का मटका रखा हुआ था आपने उस औरत को बुलाकर कहा कि तुम इस दूध की कीमत लेलो और ये दूध हमें देदो उस औरत ने जवाब दिया कि ये दूध मैं नहीं दे सकती कियोकि ये दूध मजबूरन हमें राय राजो जोगी को देना पड़ता है और अगर ना दें तो उसका ये असर होता है कि जानवरों के थनों से बजाये दूध के खून निकलने लगता है आप उस औरत की बात सुनकर मुश्कुराये और फरमाया कि अगर ये दूध तुम हमें देदोगी तो अल्लाह ताला के फजल से तुम्हारी गाये बहुत सारा दूध देगी और जानवरों पर कोई असर नहीं होगा चुनानचे उस औरत ने आपको दूध दे दिया आपने उस दूध मेसे थोड़ा सा पी लिया और बाकी दूध दरिया मे फेंक दिया जब बूढ़ी औरत घर वापस आई और शाम को जानवरों को दुहा तो जानवरों ने इस कदर ज़ियादा दूध दिया कि सारे बर्तन भर गये और दूध ख़तम नहीं हुआ ये खबर आनन फानन मे करीब वा दूर के देहात गाओं मे फैल गई और लोग दूर दराज गाओं से अपने अपने जानवरों के दूध आपके पास लाने लगे आपका ये दस्तूर था कि आप थोड़ा सा दूध उनके मटके मेसे पीकर बाकी दूध दरिया मे फैक दिया करते थे और जब उन लोगों ने घर जाकर अपने अपने जानवरों को दुहा तो उन्होंने भी बेहिसाब दूध दिया इस करामत का ये नतीजा हुआ कि अब कोई दूध वाला राय राजो जोगी की तरफ रुख नहीं करता था और आपके पास लोग दूर दूर से आने लगे,
राय राजो जोगी को जब इसबात की खबर हुई तो बहुत परेशान हुआ और आपकी खिदमत मे हाजिर होकर कहने लगा कि दूध तो आपने हमारा बंद करा दिया है अब मैं आपका कोई और कमाल देखने आया हू आपने फरमाया कि मैं कोई जादूगर तो नहीं हू जों कमालात दिखा सकूँ मैं तो एक आजिज वा मजबूर इन्सान हू बाकि अगर तुम मे कोई कमाल है तो दिखाओ चुंकि इस जोगी ने बड़ी बड़ी रियाजते की थीं और मुजाहदा मे ज़िन्दगी गुजारी थी उसने आपके सामने कई करिश्मे दिखाए हत्ता कि हवा मे उड़ने लगा जब वोह हवा मे उड़ही रहा था तो आपने अपनी जूती मुबारक उसकी तरफ फैक दी चुनानचे वोह जुतिया उसके सर पर पड़ने लगीं जब हक़ के सामने बातिल कि कोई पेश ना गई तो उसने आपकी खिदमत मे हाजिर होकर इस्लाम कबूल किया और आपके दस्ते हक प्रस्त पर बैत हो गया इस बैत के बाद आप उसकी बातनी और रूहानी इस्लाह फरमाते रहे कबुले इस्लाम और हजरत अली हेजवेरी से तरबियत पाने के बाद राय राजो तारीख सुफिया मे हजरत शैख़ हिंदी के नाम से मशहूर हुऐ
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Thanks for reading: हजरत अली हेजवरी और जादूगर राय राजो जोगी, Sorry, my Hindi is bad:)