एक लड़की का त्वाफे बैतूल्लाह ek ladki ka twafe baitullah
Hindi Storiesहजरत जुनेद अबु क़ासिम रजि अल्लाहु ताला अन्हु फरमाते हैँ कि मैं एक मर्तबा तने तन्हा बैतूल्लाह शरीफ गया और वहाँ की मुजावरत इख़्तियार की और मेरी आदत थी कि जब शब को तारीकी खूब हो जाती तो मैं त्वाफ करता हस्बे आदत मैं एक दिन त्वाफ कर रहा था तो एक नौ उमर लड़की को देखा कि त्वाफ करती जाती और ये शायर निहायत जोक वा शौक से गाती जाती,
उसके माना ये हैँ
(मोहब्बत और इश्क को मैंने बहुत छिपाया लेकिन अब किसी तरह नहीं छिप सकता उसने तो मेरे पास डेरा हि डाल दिया, जब मुझे मेहबूब का शौख जियादा होता है तो मेरा दिल उसकी याद से हैरान वा मुजतरब होता है और मैं अगर अपने दोस्त के कुर्ब का कसद करती हू तो वोह मुझे अपने दौलते कुर्ब से महरूम नहीं फरमाता बल्कि करीब हो जाता है और जब मेरा मेहबूब मुत्जली होजाता है तो मैं फना हो जाती हूँ और फिर उसके लिये और उसी की दस्त गिरी से जिन्दा हो जाती हूँ और वही मेरा इमदाद करता है हत्ता कि मैं उसकी इनाइतो से लज्जत हासिल करती हूँ)
हजरत जुनेद रहमातुल्लाह अलै फरमाते हैँ कि मैंने उससे कहा कि लड़की तू अल्लाह से नहीं डरती कि बैतूल्लाह शरीफ मे ऐसे अशार गाती है वोह मेरी तरफ मुल्तफिक हुई और बोली जुनेद अगर खौफे इलाही ना होता तो मैं कियों खुवाब शेरे छोड़ती अरे खौफ ही तो मुझे मेरे वतन से बे वतन कर दिया उसी के इश्क मे तो मैं भागी फिरती हूँ उसी की मोहब्बत ने मुझे हैरान बना रखा है फिर पूछा जुनेद बताओ तुम बैतूल्लाह का त्वाफ करते हो या रब्बे बैतूल्लाह का? मैंने कहा मैं तो बैतूल्लाह का त्वाफ करता हूँ ये सुनकर आसमान की तरफ मुँह उठाया और बोली सुभानअल्लाह आपकी भी किया शान है मखलूक जो खुद मिस्ल पत्थरो के है वोह पत्थरों ही का त्वाफ करती है जुनेद रहमातुल्लाह अलै फरमाते हैँ कि मुझपर ऐसी कैफ़ीयत तारी हुई कि मैं बेहोश हो गया और जब होश आया तो फिर उस लड़की को ना देखा
Auliya Allah
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Thanks for reading: एक लड़की का त्वाफे बैतूल्लाह ek ladki ka twafe baitullah, Sorry, my Hindi is bad:)