Rajaye ilahi habib Ajami Aur Hasan Basri
Sufi islam
Allah Ki Rja
Allah Se Mohabbat
Hazrat Khuwaja Hasan Basri
hazrat Khuwaja Habib Ajami
Sufi islam
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एक मर्तबा हसन बसरी मगरिब की नमाज के वक़्त आपके यहाँ पहुचे लेकिन आप नमाज़ के लिये खड़े हो चुके थे और हसन बसरी ने जब ये देखा कि आप अल्हम्द के बजाये अल्हम्द छोटी हे से करात कर रहे हैँ तो ये ख्याल करके कि आप चुंकि क़ुरआन का तलफ्फुज सही अदा नहीं कर सकते इसलिये आपके पीछे नमाज़ नहीं पढ़नी चाहिए...
चुनानचे उन्होंने अलग नमाज पढ़ी लेकिन उसी रात को खुवाब मे अल्लाह ताला का दीदार हुआ तो आपने अर्ज किया या अल्लाह तेरी रजा का जरिया किया है इरशाद हुआ कि तूने हमारी रजा पाई लेकिन उसका मुकाम ना समझा आपने पूछा वोह कोनसी रजा थी इरशाद हुआ कि अगर तू नमाज मे हबीब अजमी कि इकतेदा कर लेता तो तेरे लिये तमाम उमर की नमजो से बेहतर था कियोकि तूने उसकी जाहरी इबादत का तसव्वर तो किया लेकिन उसकी नियत नहीं देखी जबकि वली की नियत से तलफ्फुज की सहत कम दर्जा रखती है...
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Thanks for reading: रजाये इलाही हबीब अजमी और हसन बसरी Rajaye ilahi habib Ajami Aur Hasan Basri, Sorry, my Hindi is bad:)